
प्रतापपुर।पारदेश्वर मंदिर,मंदिरों की नगरी प्रतापपुर में सबसे अनोखा मंदिर है जो पारा से बनी मूर्तियों के कारण खास है और कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ में इस तरह का यह इकलौता मंदिर है।यहां पारा से बना शिवलिंग है तो अन्य सभी मूर्तियां भी पारा से बनी हैं,पारदेश्वर शिवलिंग का वजन 151 किलो है।मुरली बाबा की पहल और प्रयास से 1996 में मंदिर निर्माण के बाद 21 किलो के पारद शिवलिंग की स्थापना हुई थी फिर बाद में यहां 151 किलो के पारद शिवलिंग की स्थापना हुई थी।मुरली बाबा बताते हैं कि शिबलिंग के साथ गुरुजी निखलेश्वर महाराज की 121 की मूर्ति है,इनके साथ गणेश जी 5 किलो,कार्तिकेय 5
शंकर भगवान 11 किलो,माता पार्वती जी 11 किलो और ,नन्दी 108 किलो के हैं और सभी पारा से बने हैं।यहां त्रिशूल और नाग देवता भी पारा से बने हैं।मंदिर निर्माण और पारा से बनी मूर्तियों की स्थापना को लेकर मुरली बाबा बताते हैं कि यहां मंदिर बनाने की सोच थी लेकिन गुरुदेव के आशीर्वाद से यह पारदेश्वर मंदिर में बदल गया और पारा से बनी मूर्तियों की स्थापना हुई।यह मन्दिर अपने आप में सबसे अलग है क्योंकि इतनी भारी और इतनी संख्या में पारा से बनी मूर्तियां बहुत कम जगह देखने को मिलती हैं,छत्तीसगढ़ में तो शायद यह इकलौता मन्दिर है।पारा से बने शिवलिंग का महत्व बताते हुए बाबा कहते हैं कि पारा से बने एक शिवलिंग की पूजा और दर्शन बारह ज्योतिर्लिंगों के बराबर पुण्य देता है।प्रतापपुर का सौभाग्य माना जाता है कि यहां मुरली बाबा के प्रयास से पारदेश्वर शिबलिंग की स्थापना हुई है इसके महत्व के कारण दूर दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं और पूजा पाठ करते हैं।महाशिवरात्रि का दिन पारदेश्वर मंदिर में खास होता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में विशेष पूजा व आयोजन होते हैं।
पारदेश्वर शिवलिंग का महत्व…
पारदेश्वर शिबलिंग का महत्व बताते हुए मुरली बाबा कहते हैं कि वेदों और पुराणों में पारद को बहुत खास और चमत्कारिक माना गया है। पारद चांदी और पारे के मिश्रण से बना होता है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से ना केवल आपको भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा बल्कि लक्ष्मी माता की भी आप पर कृपा बनी रहेगी। साथ ही इस शिवलिंग की पूजा करने से विभिन्न प्रकार के ग्रह-दोष से भा शांति मिलती है। ब्रह्म पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति हर रोज पारद शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है।ग्रंथो में बताया गया है कि पारद स्वयं सिद्ध धातु होती है। इसका वर्णन चरक संहिता समेत कई पुराणों में मिलता है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से यह सभी प्रकार के तंत्र-मंत्र खत्म कर देता है और आसपास मौजूद बुरी शक्तियों को खत्म कर देती है। मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा स्वयं महाकाल और महाकाली करते हैं।मुरली बाबा बताते हैं कि जीवन मे खुशियां प्राप्त करने के लिए पारद शिवलिंग की पूजा काफी लाभकारी मानी जाती है। इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और धन-धान्य की कमी खत्म नहीं होती और आपकी समस्याएं भी धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं।